Thursday, December 31, 2009

उनसे वादा जो कर लिया है

आदत के मुताबिक 31 दिसंबर की रात 12 बजते ही पुराना वर्ष चला जाएगा और नया आ जाएगा। बड़े दिनों से हल्ला मचा हुआ है कि नया दशक शुरू होगा तो नई उम्मीदें परवान चढ़ेंगी। आजकल ज्यादातर लोगों को वही दिखता और समझता है जो मीडिया बताता है। मीडिया की व्यावसायिक मजबूरी है कि बाजार को खुश रखे। बाजार तभी चहकता है जब खबरें लिपीपुती आती हैं। लिहाजा मौजूदा दशक को सफल और आने वाले को सशक्त दशक के तौर पर परोसा गया।
खैर, अपन तो अपनी बात करें। गीत की मम्मी और मेरी पत्नी रजनी ने पूछा नए साल में क्या करोगे? मैं चौंका, क्योंकि इस बारे में तो सोचा ही नहीं था। थोड़ा सोचा और बोल दिया ब्लागिंग शुरू करुंगा। रोज इस पर अपनी बात लिखूंगा और विचार जगजाहिर करूंगा। रजनी ने कहा पिछले वर्ष सुबह घूमने जाने का वादा किया था। दो चार दिन में ही पक गए थे। आपकी बातें भी अखबारों जैसी ही है। जो चित्र पिछले वर्ष छापकर सपने दिखाए थे, वही इस वर्ष भी छाप रहे हैं। पिछले वर्ष शहर को शंघाई बना रहे थे। इस वर्ष मेट्रो बनाने की ठानी है। मैं बोला हर साल वादा करने और सपने दिखाने का छूट होती है। मैं भी वादा करता हूं कि ब्लॉग लिखूंगा। ब्लॉग में क्या लिखूंगा, यह तो नहीं बता सकता, लेकिन हां, इतना जरूर है कि सपनों के बजाए हकीकत बयां करने की कोशिश करूंगा। वह बोलीं, देखती हूं इन बातों में कितना दम निकलता है।
किया वादा निभाने के लिए पहली चिट्ठी डाल रहा हूं। मुझे भी इंतजार है एक जनवरी का। कुछ भी हो, लेकिन बैठे बिठाए घर आए इस नए वर्ष रूपी मेहमान का हंसकर स्वागत करने में तो कोई हर्ज नहीं है। तो हंसिए और स्वागत कीजिए...।